Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
128
PageNo
99
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
4_128.png
AyatText
وَإِنِ ٱمْرَأَةٌ خَافَتْ مِنۢ بَعْلِهَا نُشُوزًا أَوْ إِعْرَاضًۭا فَلَا جُنَاحَ عَلَيْهِمَآ أَن يُصْلِحَا بَيْنَهُمَا صُلْحًۭا ۚ وَٱلصُّلْحُ خَيْرٌۭ ۗ وَأُحْضِرَتِ ٱلْأَنفُسُ ٱلشُّحَّ ۚ وَإِن تُحْسِنُوا۟ وَتَتَّقُوا۟ فَإِنَّ ٱللَّهَ كَانَ بِمَا تَعْمَلُونَ خَبِيرًۭا
AyatMeaning
और अगर कोई औरत अपने शौहर की ज्यादती व बेतवज्जोही से (तलाक़ का) ख़ौफ़ रखती हो तो मियॉ बीवी के बाहम किसी तरह मिलाप कर लेने में दोनों (में से किसी पर) कुछ गुनाह नहीं है और सुलह तो (बहरहाल) बेहतर है और बुख्ल से तो क़रीब क़रीब हर तबियत के हम पहलू है और अगर तुम नेकी करो और परहेजदारी करो तो ख़ुदा तुम्हारे हर काम से ख़बरदार है (वही तुमको अज्र देगा)
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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