Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 270
- PageNo
- 46
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 2_270.png
- AyatText
- وَمَآ أَنفَقْتُم مِّن نَّفَقَةٍ أَوْ نَذَرْتُم مِّن نَّذْرٍۢ فَإِنَّ ٱللَّهَ يَعْلَمُهُۥ ۗ وَمَا لِلظَّـٰلِمِينَ مِنْ أَنصَارٍ
- AyatMeaning
- और तुम जो कुछ भी ख़र्च करो या कोई मन्नत मानो ख़ुदा उसको ज़रूर जानता है और (ये भी याद रहे) कि ज़ालिमों का (जो) ख़ुदा का हक़ मार कर औरों की नज़्र करते हैं (क़यामत में) कोई मददगार न होगा
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi