Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 178
- PageNo
- 27
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 2_178.png
- AyatText
- يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ كُتِبَ عَلَيْكُمُ ٱلْقِصَاصُ فِى ٱلْقَتْلَى ۖ ٱلْحُرُّ بِٱلْحُرِّ وَٱلْعَبْدُ بِٱلْعَبْدِ وَٱلْأُنثَىٰ بِٱلْأُنثَىٰ ۚ فَمَنْ عُفِىَ لَهُۥ مِنْ أَخِيهِ شَىْءٌۭ فَٱتِّبَاعٌۢ بِٱلْمَعْرُوفِ وَأَدَآءٌ إِلَيْهِ بِإِحْسَـٰنٍۢ ۗ ذَٰلِكَ تَخْفِيفٌۭ مِّن رَّبِّكُمْ وَرَحْمَةٌۭ ۗ فَمَنِ ٱعْتَدَىٰ بَعْدَ ذَٰلِكَ فَلَهُۥ عَذَابٌ أَلِيمٌۭ
- AyatMeaning
- ऐ मोमिनों जो लोग (नाहक़) मार डाले जाएँ उनके बदले में तुम को जान के बदले जान लेने का हुक्म दिया जाता है आज़ाद के बदले आज़ाद और ग़ुलाम के बदले ग़ुलाम और औरत के बदले औरत पस जिस (क़ातिल) को उसके ईमानी भाई तालिबे केसास की तरफ से कुछ माफ़ कर दिया जाये तो उसे भी उसके क़दम ब क़दम नेकी करना और ख़ुश मआमलती से (ख़ून बहा) अदा कर देना चाहिए ये तुम्हारे परवरदिगार की तरफ आसानी और मेहरबानी है फिर उसके बाद जो ज्यादती करे तो उस के लिए दर्दनाक अज़ाब है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi