Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 91
- PageNo
- 14
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 2_91.png
- AyatText
- وَإِذَا قِيلَ لَهُمْ ءَامِنُوا۟ بِمَآ أَنزَلَ ٱللَّهُ قَالُوا۟ نُؤْمِنُ بِمَآ أُنزِلَ عَلَيْنَا وَيَكْفُرُونَ بِمَا وَرَآءَهُۥ وَهُوَ ٱلْحَقُّ مُصَدِّقًۭا لِّمَا مَعَهُمْ ۗ قُلْ فَلِمَ تَقْتُلُونَ أَنۢبِيَآءَ ٱللَّهِ مِن قَبْلُ إِن كُنتُم مُّؤْمِنِينَ
- AyatMeaning
- और जब उनसे कहा गया कि (जो क़ुरान) खुदा ने नाज़िल किया है उस पर ईमान लाओ तो कहने लगे कि हम तो उसी किताब (तौरेत) पर ईमान लाए हैं जो हम पर नाज़िल की गई थी और उस किताब (कुरान) को जो उसके बाद आई है नहीं मानते हैं हालाँकि वह (क़ुरान) हक़ है और उस किताब (तौरेत) की जो उनके पास है तसदीक़ भी करती है मगर उस किताब कुरान का जो उसके बाद आई है इन्कार करते हैं (ऐ रसूल) उनसे ये तो पूछो कि तुम (तुम्हारे बुर्जुग़) अगर ईमानदार थे तो फिर क्यों खुदा के पैग़म्बरों का साबिक़ क़त्ल करते थे
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi