Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 22
- PageNo
- 540
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 57_22.png
- AyatText
- مَآ أَصَابَ مِن مُّصِيبَةٍۢ فِى ٱلْأَرْضِ وَلَا فِىٓ أَنفُسِكُمْ إِلَّا فِى كِتَـٰبٍۢ مِّن قَبْلِ أَن نَّبْرَأَهَآ ۚ إِنَّ ذَٰلِكَ عَلَى ٱللَّهِ يَسِيرٌۭ
- AyatMeaning
- जितनी मुसीबतें रूए ज़मीन पर और ख़ुद तुम लोगों पर नाज़िल होती हैं (वह सब) क़ब्ल इसके कि हम उन्हें पैदा करें किताब (लौह महफूज़) में (लिखी हुई) हैं बेशक ये ख़ुदा पर आसान है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi