Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
20
PageNo
540
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
57_20.png
AyatText
ٱعْلَمُوٓا۟ أَنَّمَا ٱلْحَيَوٰةُ ٱلدُّنْيَا لَعِبٌۭ وَلَهْوٌۭ وَزِينَةٌۭ وَتَفَاخُرٌۢ بَيْنَكُمْ وَتَكَاثُرٌۭ فِى ٱلْأَمْوَٰلِ وَٱلْأَوْلَـٰدِ ۖ كَمَثَلِ غَيْثٍ أَعْجَبَ ٱلْكُفَّارَ نَبَاتُهُۥ ثُمَّ يَهِيجُ فَتَرَىٰهُ مُصْفَرًّۭا ثُمَّ يَكُونُ حُطَـٰمًۭا ۖ وَفِى ٱلْـَٔاخِرَةِ عَذَابٌۭ شَدِيدٌۭ وَمَغْفِرَةٌۭ مِّنَ ٱللَّهِ وَرِضْوَٰنٌۭ ۚ وَمَا ٱلْحَيَوٰةُ ٱلدُّنْيَآ إِلَّا مَتَـٰعُ ٱلْغُرُورِ
AyatMeaning
जान रखो कि दुनियावी ज़िन्दगी महज़ खेल और तमाशा और ज़ाहिरी ज़ीनत (व आसाइश) और आपस में एक दूसरे पर फ़ख्र क़रना और माल और औलाद की एक दूसरे से ज्यादा ख्वाहिश है (दुनयावी ज़िन्दगी की मिसाल तो) बारिश की सी मिसाल है जिस (की वजह) से किसानों की खेती (लहलहाती और) उनको ख़ुश कर देती थी फिर सूख जाती है तो तू उसको देखता है कि ज़र्द हो जाती है फिर चूर चूर हो जाती है और आख़िरत में (कुफ्फार के लिए) सख्त अज़ाब है और (मोमिनों के लिए) ख़ुदा की तरफ से बख़्शिस और ख़ुशनूदी और दुनयावी ज़िन्दगी तो बस फ़रेब का साज़ो सामान है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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