Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 9
- PageNo
- 459
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 39_9.png
- AyatText
- أَمَّنْ هُوَ قَـٰنِتٌ ءَانَآءَ ٱلَّيْلِ سَاجِدًۭا وَقَآئِمًۭا يَحْذَرُ ٱلْـَٔاخِرَةَ وَيَرْجُوا۟ رَحْمَةَ رَبِّهِۦ ۗ قُلْ هَلْ يَسْتَوِى ٱلَّذِينَ يَعْلَمُونَ وَٱلَّذِينَ لَا يَعْلَمُونَ ۗ إِنَّمَا يَتَذَكَّرُ أُو۟لُوا۟ ٱلْأَلْبَـٰبِ
- AyatMeaning
- (आख़िर) तू यक़ीनी जहन्नुमियों में होगा क्या जो शख्स रात के अवक़ात में सजदा करके और खड़े-खड़े (खुदा की) इबादत करता हो और आख़ेरत से डरता हो अपने परवरदिगार की रहमत का उम्मीदवार हो (नाशुक्रे) काफिर के बराबर हो सकता है (ऐ रसूल) तुम पूछो तो कि भला कहीं जानने वाले और न जाननेवाले लोग बराबर हो सकते हैं (मगर) नसीहत इबरतें तो बस अक्लमन्द ही लोग मानते हैं
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi