Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 40
- PageNo
- 439
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 35_40.png
- AyatText
- قُلْ أَرَءَيْتُمْ شُرَكَآءَكُمُ ٱلَّذِينَ تَدْعُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ أَرُونِى مَاذَا خَلَقُوا۟ مِنَ ٱلْأَرْضِ أَمْ لَهُمْ شِرْكٌۭ فِى ٱلسَّمَـٰوَٰتِ أَمْ ءَاتَيْنَـٰهُمْ كِتَـٰبًۭا فَهُمْ عَلَىٰ بَيِّنَتٍۢ مِّنْهُ ۚ بَلْ إِن يَعِدُ ٱلظَّـٰلِمُونَ بَعْضُهُم بَعْضًا إِلَّا غُرُورًا
- AyatMeaning
- (ऐ रसूल) तुम (उनसे) पूछो तो कि खुदा के सिवा अपने जिन शरीकों की तुम क़यादत करते थे क्या तुमने उन्हें (कुछ) देखा भी मुझे भी ज़रा दिखाओ तो कि उन्होंने ज़मीन (की चीज़ों) से कौन सी चीज़ पैदा की या आसमानों में कुछ उनका आधा साझा है या हमने खुद उन्हें कोई किताब दी है कि वह उसकी दलील रखते हैं (ये सब तो कुछ नहीं) बल्कि ये ज़ालिम एक दूसरे से (धोखे और) फरेब ही का वायदा करते हैं
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi