Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
31
PageNo
336
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
22_31.png
AyatText
حُنَفَآءَ لِلَّهِ غَيْرَ مُشْرِكِينَ بِهِۦ ۚ وَمَن يُشْرِكْ بِٱللَّهِ فَكَأَنَّمَا خَرَّ مِنَ ٱلسَّمَآءِ فَتَخْطَفُهُ ٱلطَّيْرُ أَوْ تَهْوِى بِهِ ٱلرِّيحُ فِى مَكَانٍۢ سَحِيقٍۢ
AyatMeaning
निरे खरे अल्लाह के होकर (रहो) उसका किसी को शरीक न बनाओ और जिस शख्स ने (किसी को) खुदा का शरीक बनाया तो गोया कि वह आसमान से गिर पड़ा फिर उसको (या तो दरमियान ही से) कोई (मुरदा ख्ववार) चिड़िया उचक ले गई या उसे हवा के झोंके ने बहुत दूर जा फेंका
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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