Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
44
PageNo
286
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
17_44.png
AyatText
تُسَبِّحُ لَهُ ٱلسَّمَـٰوَٰتُ ٱلسَّبْعُ وَٱلْأَرْضُ وَمَن فِيهِنَّ ۚ وَإِن مِّن شَىْءٍ إِلَّا يُسَبِّحُ بِحَمْدِهِۦ وَلَـٰكِن لَّا تَفْقَهُونَ تَسْبِيحَهُمْ ۗ إِنَّهُۥ كَانَ حَلِيمًا غَفُورًۭا
AyatMeaning
सातों आसमान और ज़मीन और जो लोग इनमें (सब) उसकी तस्बीह करते हैं और (सारे जहाँन) में कोई चीज़ ऐसी नहीं जो उसकी (हम्द व सना) की तस्बीह न करती हो मगर तुम लोग उनकी तस्बीह नहीं समझते इसमें शक़ नहीं कि वह बड़ा बुर्दबार बख्शने वाला है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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