Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
125
PageNo
281
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
16_125.png
AyatText
ٱدْعُ إِلَىٰ سَبِيلِ رَبِّكَ بِٱلْحِكْمَةِ وَٱلْمَوْعِظَةِ ٱلْحَسَنَةِ ۖ وَجَـٰدِلْهُم بِٱلَّتِى هِىَ أَحْسَنُ ۚ إِنَّ رَبَّكَ هُوَ أَعْلَمُ بِمَن ضَلَّ عَن سَبِيلِهِۦ ۖ وَهُوَ أَعْلَمُ بِٱلْمُهْتَدِينَ
AyatMeaning
(ऐ रसूल) तुम (लोगों को) अपने परवरदिगार की राह पर हिकमत और अच्छी अच्छी नसीहत के ज़रिए से बुलाओ और बहस व मुबाशा करो भी तो इस तरीक़े से जो लोगों के नज़दीक सबसे अच्छा हो इसमें शक़ नहीं कि जो लोग ख़ुदा की राह से भटक गए उनको तुम्हारा परवरदिगार खूब जानता है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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