Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 62
- PageNo
- 228
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 11_62.png
- AyatText
- قَالُوا۟ يَـٰصَـٰلِحُ قَدْ كُنتَ فِينَا مَرْجُوًّۭا قَبْلَ هَـٰذَآ ۖ أَتَنْهَىٰنَآ أَن نَّعْبُدَ مَا يَعْبُدُ ءَابَآؤُنَا وَإِنَّنَا لَفِى شَكٍّۢ مِّمَّا تَدْعُونَآ إِلَيْهِ مُرِيبٍۢ
- AyatMeaning
- (उस पर वह लोग चौके) और कहने लगे (हाए) क्या तुम ही यूसुफ हो, यूसुफ ने कहा हाँ मै ही यूसुफ हूँ और यह मेरा भाई है बेशक ख़ुदा ने मुझ पर अपना फज़ल व (करम) किया है क्या इसमें शक़ नहीं कि जो शख़्श (उससे) डरता है (और मुसीबत में) सब्र करे तो ख़ुदा हरगिज़ (ऐसे नेको कारों का) अज्र बरबाद नहीं करता
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi