Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
48
PageNo
227
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
11_48.png
AyatText
قِيلَ يَـٰنُوحُ ٱهْبِطْ بِسَلَـٰمٍۢ مِّنَّا وَبَرَكَـٰتٍ عَلَيْكَ وَعَلَىٰٓ أُمَمٍۢ مِّمَّن مَّعَكَ ۚ وَأُمَمٌۭ سَنُمَتِّعُهُمْ ثُمَّ يَمَسُّهُم مِّنَّا عَذَابٌ أَلِيمٌۭ
AyatMeaning
हम लोग तो (अपने यहाँ) ज़ालिमों (चोरों) को इसी तरह सज़ा दिया करते हैं ग़रज़ यूसुफ ने अपने भाई का थैला खोलने ने से क़ब्ल दूसरे भाइयों के थैलों से (तलाशी) शुरू की उसके बाद (आख़िर में) उस प्याले को यूसुफ ने अपने भाई के थैले से बरामद किया यूसुफ को भाई के रोकने की हमने यू तदबीर बताइ वरना (बादशाह मिस्र) के क़ानून के मुवाफिक़ अपने भाई को रोक नहीं सकते थे मगर हाँ जब ख़ुदा चाहे हम जिसे चाहते हैं उसके दर्जे बुलन्द कर देते हैं और (दुनिया में) हर साहबे इल्म से बढ़कर एक और आलिम है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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