Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 38
- PageNo
- 155
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 7_38.png
- AyatText
- قَالَ ٱدْخُلُوا۟ فِىٓ أُمَمٍۢ قَدْ خَلَتْ مِن قَبْلِكُم مِّنَ ٱلْجِنِّ وَٱلْإِنسِ فِى ٱلنَّارِ ۖ كُلَّمَا دَخَلَتْ أُمَّةٌۭ لَّعَنَتْ أُخْتَهَا ۖ حَتَّىٰٓ إِذَا ٱدَّارَكُوا۟ فِيهَا جَمِيعًۭا قَالَتْ أُخْرَىٰهُمْ لِأُولَىٰهُمْ رَبَّنَا هَـٰٓؤُلَآءِ أَضَلُّونَا فَـَٔاتِهِمْ عَذَابًۭا ضِعْفًۭا مِّنَ ٱلنَّارِ ۖ قَالَ لِكُلٍّۢ ضِعْفٌۭ وَلَـٰكِن لَّا تَعْلَمُونَ
- AyatMeaning
- (तब ख़ुदा उनसे) फरमाएगा कि जो लोग जिन व इन्स के तुम से पहले बसे हैं उन्हीं में मिलजुल कर तुम भी जहन्नुम वासिल हो जाओ (और ) अहले जहन्नुम का ये हाल होगा कि जब उसमें एक गिरोह दाख़िल होगा तो अपने साथी दूसरे गिरोह पर लानत करेगा यहाँ तक कि जब सब के सब पहुंच जाएगें तो उनमें की पिछली जमात अपने से पहली जमाअत के वास्ते बदद्आ करेगी कि परवरदिगार उन्हीं लोगों ने हमें गुमराह किया था तो उन पर जहन्नुम का दोगुना अज़ाब फरमा (इस पर) ख़ुदा फरमाएगा कि हर एक के वास्ते दो गुना अज़ाब है लेकिन (तुम पर) तुफ़ है तुम जानते नहीं
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi