Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 119
- PageNo
- 143
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 6_119.png
- AyatText
- وَمَا لَكُمْ أَلَّا تَأْكُلُوا۟ مِمَّا ذُكِرَ ٱسْمُ ٱللَّهِ عَلَيْهِ وَقَدْ فَصَّلَ لَكُم مَّا حَرَّمَ عَلَيْكُمْ إِلَّا مَا ٱضْطُرِرْتُمْ إِلَيْهِ ۗ وَإِنَّ كَثِيرًۭا لَّيُضِلُّونَ بِأَهْوَآئِهِم بِغَيْرِ عِلْمٍ ۗ إِنَّ رَبَّكَ هُوَ أَعْلَمُ بِٱلْمُعْتَدِينَ
- AyatMeaning
- और तुम्हें क्या हो गया है कि जिस पर ख़ुदा का नाम लिया गया हो उसमें नहीं खाते हो हालॉकि जो चीज़ें उसने तुम पर हराम कर दीं हैं वह तुमसे तफसीलन बयान कर दीं हैं मगर (हाँ) जब तुम मजबूर हो तो अलबत्ता (हराम भी खा सकते हो) और बहुतेरे तो (ख्वाहमख्वाह) अपनी नफसानी ख्वाहिशों से बे समझे बूझे (लोगों को) बहका देते हैं और तुम्हारा परवरदिगार तो हक़ से तजाविज़ करने वालों से ख़ूब वाक़िफ है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi