Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
90
PageNo
14
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
2_90.png
AyatText
بِئْسَمَا ٱشْتَرَوْا۟ بِهِۦٓ أَنفُسَهُمْ أَن يَكْفُرُوا۟ بِمَآ أَنزَلَ ٱللَّهُ بَغْيًا أَن يُنَزِّلَ ٱللَّهُ مِن فَضْلِهِۦ عَلَىٰ مَن يَشَآءُ مِنْ عِبَادِهِۦ ۖ فَبَآءُو بِغَضَبٍ عَلَىٰ غَضَبٍۢ ۚ وَلِلْكَـٰفِرِينَ عَذَابٌۭ مُّهِينٌۭ
AyatMeaning
क्या ही बुरा है वह काम जिसके मुक़ाबले में (इतनी बात पर) वह लोग अपनी जानें बेच बैठे हैं कि खुदा अपने बन्दों से जिस पर चाहे अपनी इनायत से किताब नाज़िल किया करे इस रश्क से जो कुछ खुदा ने नाज़िल किया है सबका इन्कार कर बैठे पस उन पर ग़ज़ब पर ग़ज़ब टूट पड़ा और काफ़िरों के लिए (बड़ी) रूसवाई का अज़ाब है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

Edit | Back to List