Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
17
PageNo
517
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
49_17.png
AyatText
يَمُنُّونَ عَلَيْكَ أَنْ أَسْلَمُوا۟ ۖ قُل لَّا تَمُنُّوا۟ عَلَىَّ إِسْلَـٰمَكُم ۖ بَلِ ٱللَّهُ يَمُنُّ عَلَيْكُمْ أَنْ هَدَىٰكُمْ لِلْإِيمَـٰنِ إِن كُنتُمْ صَـٰدِقِينَ
AyatMeaning
(ऐ रसूल) तुम पर ये लोग (इसलाम लाने का) एहसान जताते हैं तुम (साफ़) कह दो कि तुम अपने इसलाम का मुझ पर एहसान न जताओ (बल्कि) अगर तुम (दावाए ईमान में) सच्चे हो तो समझो कि, ख़ुदा ने तुम पर एहसान किया कि उसने तुमको ईमान का रास्ता दिखाया
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

Edit | Back to List