Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
48
PageNo
488
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
42_48.png
AyatText
فَإِنْ أَعْرَضُوا۟ فَمَآ أَرْسَلْنَـٰكَ عَلَيْهِمْ حَفِيظًا ۖ إِنْ عَلَيْكَ إِلَّا ٱلْبَلَـٰغُ ۗ وَإِنَّآ إِذَآ أَذَقْنَا ٱلْإِنسَـٰنَ مِنَّا رَحْمَةًۭ فَرِحَ بِهَا ۖ وَإِن تُصِبْهُمْ سَيِّئَةٌۢ بِمَا قَدَّمَتْ أَيْدِيهِمْ فَإِنَّ ٱلْإِنسَـٰنَ كَفُورٌۭ
AyatMeaning
फिर अगर मुँह फेर लें तो (ऐ रसूल) हमने तुमको उनका निगेहबान बनाकर नहीं भेजा तुम्हारा काम तो सिर्फ (एहकाम का) पहुँचा देना है और जब हम इन्सान को अपनी रहमत का मज़ा चखाते हैं तो वह उससे ख़ुश हो जाता है और अगर उनको उन्हीं के हाथों की पहली करतूतों की बदौलत कोई तकलीफ पहुँचती (सब एहसान भूल गए) बेशक इन्सान बड़ा नाशुक्रा है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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