Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 71
- PageNo
- 466
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 39_71.png
- AyatText
- وَسِيقَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوٓا۟ إِلَىٰ جَهَنَّمَ زُمَرًا ۖ حَتَّىٰٓ إِذَا جَآءُوهَا فُتِحَتْ أَبْوَٰبُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَآ أَلَمْ يَأْتِكُمْ رُسُلٌۭ مِّنكُمْ يَتْلُونَ عَلَيْكُمْ ءَايَـٰتِ رَبِّكُمْ وَيُنذِرُونَكُمْ لِقَآءَ يَوْمِكُمْ هَـٰذَا ۚ قَالُوا۟ بَلَىٰ وَلَـٰكِنْ حَقَّتْ كَلِمَةُ ٱلْعَذَابِ عَلَى ٱلْكَـٰفِرِينَ
- AyatMeaning
- और जो लोग काफिर थे उनके ग़ोल के ग़ोल जहन्नुम की तरफ हॅकाए जाएँगे और यहाँ तक की जब जहन्नुम के पास पहुँचेगें तो उसके दरवाज़े खोल दिए जाएगें और उसके दरोग़ा उनसे पूछेंगे कि क्या तुम लोगों में के पैग़म्बर तुम्हारे पास नहीं आए थे जो तुमको तुम्हारे परवरदिगार की आयतें पढ़कर सुनाते और तुमको इस रोज़ (बद) के पेश आने से डराते वह लोग जवाब देगें कि हाँ (आए तो थे) मगर (हमने न माना) और अज़ाब का हुक्म काफिरों के बारे में पूरा हो कर रहेगा
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi