Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
29
PageNo
461
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
39_29.png
AyatText
ضَرَبَ ٱللَّهُ مَثَلًۭا رَّجُلًۭا فِيهِ شُرَكَآءُ مُتَشَـٰكِسُونَ وَرَجُلًۭا سَلَمًۭا لِّرَجُلٍ هَلْ يَسْتَوِيَانِ مَثَلًا ۚ ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ ۚ بَلْ أَكْثَرُهُمْ لَا يَعْلَمُونَ
AyatMeaning
ताकि ये लोग (समझकर) खुदा से डरे ख़ुदा ने एक मिसाल बयान की है कि एक शख्स (ग़ुलाम) है जिसमें कई झगड़ालू साझी हैं और एक ज़ालिम है कि पूरा एक शख्स का है उन दोनों की हालत यकसाँ हो सकती हैं (हरगिज़ नहीं) अल्हमदोलिल्लाह मगर उनमें अक्सर इतना भी नहीं जानते
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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