Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 22
- PageNo
- 461
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 39_22.png
- AyatText
- أَفَمَن شَرَحَ ٱللَّهُ صَدْرَهُۥ لِلْإِسْلَـٰمِ فَهُوَ عَلَىٰ نُورٍۢ مِّن رَّبِّهِۦ ۚ فَوَيْلٌۭ لِّلْقَـٰسِيَةِ قُلُوبُهُم مِّن ذِكْرِ ٱللَّهِ ۚ أُو۟لَـٰٓئِكَ فِى ضَلَـٰلٍۢ مُّبِينٍ
- AyatMeaning
- तो क्या वह शख्स जिस के सीने को खुदा ने (क़ुबूल) इस्लाम के लिए कुशादा कर दिया है तो वह अपने परवरदिगार (की हिदायत) की रौशनी पर (चलता) है मगर गुमराहों के बराबर हो सकता है अफसोस तो उन लोगों पर है जिनके दिल खुदा की याद से (ग़ाफ़िल होकर) सख्त हो गए हैं
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi