Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
10
PageNo
459
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
39_10.png
AyatText
قُلْ يَـٰعِبَادِ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ ٱتَّقُوا۟ رَبَّكُمْ ۚ لِلَّذِينَ أَحْسَنُوا۟ فِى هَـٰذِهِ ٱلدُّنْيَا حَسَنَةٌۭ ۗ وَأَرْضُ ٱللَّهِ وَٰسِعَةٌ ۗ إِنَّمَا يُوَفَّى ٱلصَّـٰبِرُونَ أَجْرَهُم بِغَيْرِ حِسَابٍۢ
AyatMeaning
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ मेरे ईमानदार बन्दों अपने परवरदिगार (ही) से डरते रहो (क्योंकि) जिन लोगों ने इस दुनिया में नेकी की उन्हीं के लिए (आख़ेरत में) भलाई है और खुदा की ज़मीन तो कुशादा है (जहाँ इबादत न कर सको उसे छोड़ दो) सब्र करने वालों ही की तो उनका भरपूर बेहिसाब बदला दिया जाएगा
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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