Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
3
PageNo
458
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
39_3.png
AyatText
أَلَا لِلَّهِ ٱلدِّينُ ٱلْخَالِصُ ۚ وَٱلَّذِينَ ٱتَّخَذُوا۟ مِن دُونِهِۦٓ أَوْلِيَآءَ مَا نَعْبُدُهُمْ إِلَّا لِيُقَرِّبُونَآ إِلَى ٱللَّهِ زُلْفَىٰٓ إِنَّ ٱللَّهَ يَحْكُمُ بَيْنَهُمْ فِى مَا هُمْ فِيهِ يَخْتَلِفُونَ ۗ إِنَّ ٱللَّهَ لَا يَهْدِى مَنْ هُوَ كَـٰذِبٌۭ كَفَّارٌۭ
AyatMeaning
आगाह रहो कि इबादत तो ख़ास खुदा ही के लिए है और जिन लोगों ने खुदा के सिवा (औरों को अपना) सरपरस्त बना रखा है और कहते हैं कि हम तो उनकी परसतिश सिर्फ़ इसलिए करते हैं कि ये लोग खुदा की बारगाह में हमारा तक़र्रब बढ़ा देगें इसमें शक नहीं कि जिस बात में ये लोग झगड़ते हैं (क़यामत के दिन) खुदा उनके दरमियान इसमें फैसला कर देगा बेशक खुदा झूठे नाशुक्रे को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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