Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 44
- PageNo
- 439
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 35_44.png
- AyatText
- أَوَلَمْ يَسِيرُوا۟ فِى ٱلْأَرْضِ فَيَنظُرُوا۟ كَيْفَ كَانَ عَـٰقِبَةُ ٱلَّذِينَ مِن قَبْلِهِمْ وَكَانُوٓا۟ أَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةًۭ ۚ وَمَا كَانَ ٱللَّهُ لِيُعْجِزَهُۥ مِن شَىْءٍۢ فِى ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَلَا فِى ٱلْأَرْضِ ۚ إِنَّهُۥ كَانَ عَلِيمًۭا قَدِيرًۭا
- AyatMeaning
- तो क्या उन लोगों ने रूए ज़मीन पर चल फिर कर नहीं देखा कि जो लोग उनके पहले थे और उनसे ज़ोर व कूवत में भी कहीं बढ़-चढ़ के थे फिर उनका (नाफ़रमानी की वजह से) क्या (ख़राब) अन्जाम हुआ और खुदा ऐसा (गया गुज़रा) नहीं है कि उसे कोई चीज़ आजिज़ कर सके (न इतने) आसमानों में और न ज़मीन में बेशक वह बड़ा ख़बरदार (और) बड़ी (क़ाबू) कुदरत वाला है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi