Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
29
PageNo
437
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
35_29.png
AyatText
إِنَّ ٱلَّذِينَ يَتْلُونَ كِتَـٰبَ ٱللَّهِ وَأَقَامُوا۟ ٱلصَّلَوٰةَ وَأَنفَقُوا۟ مِمَّا رَزَقْنَـٰهُمْ سِرًّۭا وَعَلَانِيَةًۭ يَرْجُونَ تِجَـٰرَةًۭ لَّن تَبُورَ
AyatMeaning
बेशक जो लोग Âुदा की किताब पढ़ा करते हैं और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ते हैं और जो कुछ हमने उन्हें अता किया है उसमें से छिपा के और दिखा के (खुदा की राह में) देते हैं वह यक़ीनन ऐसे व्यापार का आसरा रखते हैं
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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