Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 60
- PageNo
- 426
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 33_60.png
- AyatText
- ۞ لَّئِن لَّمْ يَنتَهِ ٱلْمُنَـٰفِقُونَ وَٱلَّذِينَ فِى قُلُوبِهِم مَّرَضٌۭ وَٱلْمُرْجِفُونَ فِى ٱلْمَدِينَةِ لَنُغْرِيَنَّكَ بِهِمْ ثُمَّ لَا يُجَاوِرُونَكَ فِيهَآ إِلَّا قَلِيلًۭا
- AyatMeaning
- ऐ रसूल मुनाफेक़ीन और वह लोग जिनके दिलों में (कुफ़्र का) मर्ज़ है और जो लोग मदीने में बुरी ख़बरें उड़ाया करते हैं- अगर ये लोग (अपनी शरारतों से) बाज़ न आएंगें तो हम तुम ही को (एक न एक दिन) उन पर मुसल्लत कर देगें फिर वह तुम्हारे पड़ोस में चन्द रोज़ों के सिवा ठहरने (ही) न पाएँगे
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi