Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 47
- PageNo
- 402
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 29_47.png
- AyatText
- وَكَذَٰلِكَ أَنزَلْنَآ إِلَيْكَ ٱلْكِتَـٰبَ ۚ فَٱلَّذِينَ ءَاتَيْنَـٰهُمُ ٱلْكِتَـٰبَ يُؤْمِنُونَ بِهِۦ ۖ وَمِنْ هَـٰٓؤُلَآءِ مَن يُؤْمِنُ بِهِۦ ۚ وَمَا يَجْحَدُ بِـَٔايَـٰتِنَآ إِلَّا ٱلْكَـٰفِرُونَ
- AyatMeaning
- और (ऐ रसूल जिस तरह अगले पैग़म्बरों पर किताबें उतारी) उसी तरह हमने तुम्हारे पास किताब नाज़िल की तो जिन लोगों को हमने (पहले) किताब अता की है वह उस पर भी ईमान रखते हैं और (अरबो) में से बाज़ वह हैं जो उस पर ईमान रखते हैं और हमारी आयतों के तो बस पक्के कट्टर काफिर ही मुनकिर है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi