Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
62
PageNo
359
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
24_62.png
AyatText
إِنَّمَا ٱلْمُؤْمِنُونَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ بِٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ وَإِذَا كَانُوا۟ مَعَهُۥ عَلَىٰٓ أَمْرٍۢ جَامِعٍۢ لَّمْ يَذْهَبُوا۟ حَتَّىٰ يَسْتَـْٔذِنُوهُ ۚ إِنَّ ٱلَّذِينَ يَسْتَـْٔذِنُونَكَ أُو۟لَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ ۚ فَإِذَا ٱسْتَـْٔذَنُوكَ لِبَعْضِ شَأْنِهِمْ فَأْذَن لِّمَن شِئْتَ مِنْهُمْ وَٱسْتَغْفِرْ لَهُمُ ٱللَّهَ ۚ إِنَّ ٱللَّهَ غَفُورٌۭ رَّحِيمٌۭ
AyatMeaning
सच्चे ईमानदार तो सिर्फ वह लोग हैं जो ख़ुदा और उसके रसूल पर ईमान लाए और जब किसी ऐसे काम के लिए जिसमें लोंगों के जमा होने की ज़रुरत है- रसूल के पास होते हैं जब तक उससे इजाज़त न ले ली न गए (ऐ रसूल) जो लोग तुम से (हर बात में) इजाज़त ले लेते हैं वे ही लोग (दिल से) ख़ुदा और उसके रसूल पर ईमान लाए हैं तो जब ये लोग अपने किसी काम के लिए तुम से इजाज़त माँगें तो तुम उनमें से जिसको (मुनासिब ख्याल करके) चाहो इजाज़त दे दिया करो और खुदा उसे उसकी बख़्शिस की दुआ भी करो बेशक खुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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