Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 41
- PageNo
- 355
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 24_41.png
- AyatText
- أَلَمْ تَرَ أَنَّ ٱللَّهَ يُسَبِّحُ لَهُۥ مَن فِى ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ وَٱلطَّيْرُ صَـٰٓفَّـٰتٍۢ ۖ كُلٌّۭ قَدْ عَلِمَ صَلَاتَهُۥ وَتَسْبِيحَهُۥ ۗ وَٱللَّهُ عَلِيمٌۢ بِمَا يَفْعَلُونَ
- AyatMeaning
- (ऐ शख्स) क्या तूने इतना भी नहीं देखा कि जितनी मख़लूक़ात सारे आसमान और ज़मीन में हैं और परिन्दें पर फैलाए (ग़रज़ सब) उसी को तस्बीह किया करते हैं सब के सब अपनी नमाज़ और अपनी तस्बीह का तरीक़ा खूब जानते हैं और जो कुछ ये किया करते हैं ख़ुदा उससे खूब वाक़िफ है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi