Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
65
PageNo
340
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
22_65.png
AyatText
أَلَمْ تَرَ أَنَّ ٱللَّهَ سَخَّرَ لَكُم مَّا فِى ٱلْأَرْضِ وَٱلْفُلْكَ تَجْرِى فِى ٱلْبَحْرِ بِأَمْرِهِۦ وَيُمْسِكُ ٱلسَّمَآءَ أَن تَقَعَ عَلَى ٱلْأَرْضِ إِلَّا بِإِذْنِهِۦٓ ۗ إِنَّ ٱللَّهَ بِٱلنَّاسِ لَرَءُوفٌۭ رَّحِيمٌۭ
AyatMeaning
क्या तूने उस पर भी नज़र न डाली कि जो कुछ रूए ज़मीन में है सबको खुदा ही ने तुम्हारे क़ाबू में कर दिया है और कश्ती को (भी) जो उसके हुक्म से दरिया में चलती है और वही तो आसमान को रोके हुए है कि ज़मीन पर न गिर पड़े मगर (जब) उसका हुक्म होगा (तो गिर पडेग़ा) इसमें शक नहीं कि खुदा लोगों पर बड़ा मेहरबान व रहमवाला है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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