Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 45
- PageNo
- 337
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 22_45.png
- AyatText
- فَكَأَيِّن مِّن قَرْيَةٍ أَهْلَكْنَـٰهَا وَهِىَ ظَالِمَةٌۭ فَهِىَ خَاوِيَةٌ عَلَىٰ عُرُوشِهَا وَبِئْرٍۢ مُّعَطَّلَةٍۢ وَقَصْرٍۢ مَّشِيدٍ
- AyatMeaning
- ग़रज़ कितनी बस्तियाँ हैं कि हम ने उन्हें बरबाद कर दिया और वह सरकश थीं पस वह अपनी छतों पर ढही पड़ी हैं और कितने बेकार (उजडे क़ुएँ और कितने) मज़बूत बड़े-बड़े ऊँचे महल (वीरान हो गए)
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi