Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 5
- PageNo
- 332
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 22_5.png
- AyatText
- يَـٰٓأَيُّهَا ٱلنَّاسُ إِن كُنتُمْ فِى رَيْبٍۢ مِّنَ ٱلْبَعْثِ فَإِنَّا خَلَقْنَـٰكُم مِّن تُرَابٍۢ ثُمَّ مِن نُّطْفَةٍۢ ثُمَّ مِنْ عَلَقَةٍۢ ثُمَّ مِن مُّضْغَةٍۢ مُّخَلَّقَةٍۢ وَغَيْرِ مُخَلَّقَةٍۢ لِّنُبَيِّنَ لَكُمْ ۚ وَنُقِرُّ فِى ٱلْأَرْحَامِ مَا نَشَآءُ إِلَىٰٓ أَجَلٍۢ مُّسَمًّۭى ثُمَّ نُخْرِجُكُمْ طِفْلًۭا ثُمَّ لِتَبْلُغُوٓا۟ أَشُدَّكُمْ ۖ وَمِنكُم مَّن يُتَوَفَّىٰ وَمِنكُم مَّن يُرَدُّ إِلَىٰٓ أَرْذَلِ ٱلْعُمُرِ لِكَيْلَا يَعْلَمَ مِنۢ بَعْدِ عِلْمٍۢ شَيْـًۭٔا ۚ وَتَرَى ٱلْأَرْضَ هَامِدَةًۭ فَإِذَآ أَنزَلْنَا عَلَيْهَا ٱلْمَآءَ ٱهْتَزَّتْ وَرَبَتْ وَأَنۢبَتَتْ مِن كُلِّ زَوْجٍۭ بَهِيجٍۢ
- AyatMeaning
- लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi