Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
39
PageNo
325
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
21_39.png
AyatText
لَوْ يَعْلَمُ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ حِينَ لَا يَكُفُّونَ عَن وُجُوهِهِمُ ٱلنَّارَ وَلَا عَن ظُهُورِهِمْ وَلَا هُمْ يُنصَرُونَ
AyatMeaning
और जो लोग काफ़िर हो बैठे काश उस वक्त क़ी हालत से आगाह होते (कि जहन्नुम की आग में खडे होंगे) और न अपने चेहरों से आग को हटा सकेंगे और न अपनी पीठ से और न उनकी मदद की जाएगी
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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