Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
35
PageNo
298
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
18_35.png
AyatText
وَدَخَلَ جَنَّتَهُۥ وَهُوَ ظَالِمٌۭ لِّنَفْسِهِۦ قَالَ مَآ أَظُنُّ أَن تَبِيدَ هَـٰذِهِۦٓ أَبَدًۭا
AyatMeaning
और ये बातें करता हुआ अपने बाग़ मे भी जा पहुँचा हालॉकि उसकी आदत ये थी कि (कुफ्र की वजह से) अपने ऊपर आप ज़ुल्म कर रहा था (ग़रज़ वह कह बैठा) कि मुझे तो इसका गुमान नहीं तो कि कभी भी ये बाग़ उजड़ जाए
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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