Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 27
- PageNo
- 296
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 18_27.png
- AyatText
- وَٱتْلُ مَآ أُوحِىَ إِلَيْكَ مِن كِتَابِ رَبِّكَ ۖ لَا مُبَدِّلَ لِكَلِمَـٰتِهِۦ وَلَن تَجِدَ مِن دُونِهِۦ مُلْتَحَدًۭا
- AyatMeaning
- और (ऐ रसूल) जो किताब तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से वही के ज़रिए से नाज़िल हुईहै उसको पढ़ा करो उसकी बातों को कोई बदल नहीं सकता और तुम उसके सिवा कहीं कोई हरगिज़ पनाह की जगह (भी) न पाओगे
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi