Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
56
PageNo
273
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
16_56.png
AyatText
وَيَجْعَلُونَ لِمَا لَا يَعْلَمُونَ نَصِيبًۭا مِّمَّا رَزَقْنَـٰهُمْ ۗ تَٱللَّهِ لَتُسْـَٔلُنَّ عَمَّا كُنتُمْ تَفْتَرُونَ
AyatMeaning
और हमने जो रोज़ी उनको दी है उसमें से ये लोग उन बुतों का हिस्सा भी क़रार देते है जिनकी हक़ीकत नहीं जानते तो ख़ुदा की (अपनी) क़िस्म जो इफ़तेरा परदाज़ियाँ तुम करते थे (क़यामत में) उनकी बाज़पुर्स (पूछ गछ) तुम से ज़रुर की जाएगी
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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