Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 14
- PageNo
- 268
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 16_14.png
- AyatText
- وَهُوَ ٱلَّذِى سَخَّرَ ٱلْبَحْرَ لِتَأْكُلُوا۟ مِنْهُ لَحْمًۭا طَرِيًّۭا وَتَسْتَخْرِجُوا۟ مِنْهُ حِلْيَةًۭ تَلْبَسُونَهَا وَتَرَى ٱلْفُلْكَ مَوَاخِرَ فِيهِ وَلِتَبْتَغُوا۟ مِن فَضْلِهِۦ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ
- AyatMeaning
- कुछ शक़ नहीं कि इसमें भी इबरत व नसीहत हासिल करने वालों के वास्ते (कुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानी है और वही (वह ख़ुदा है जिसने दरिया को (भी तुम्हारे) क़ब्ज़े में कर दिया ताकि तुम इसमें से (मछलियों का) ताज़ा ताज़ा गोश्त खाओ और इसमें से जेवर (की चीज़े मोती वगैरह) निकालो जिन को तुम पहना करते हो और तू कश्तियों को देखता है कि (आमद व रफत में) दरिया में (पानी को) चीरती फाड़ती आती है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi