Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
17
PageNo
257
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
14_17.png
AyatText
يَتَجَرَّعُهُۥ وَلَا يَكَادُ يُسِيغُهُۥ وَيَأْتِيهِ ٱلْمَوْتُ مِن كُلِّ مَكَانٍۢ وَمَا هُوَ بِمَيِّتٍۢ ۖ وَمِن وَرَآئِهِۦ عَذَابٌ غَلِيظٌۭ
AyatMeaning
और जिस औरत ज़ुलेखा के घर में यूसुफ रहते थे उसने अपने (नाजायज़) मतलब हासिल करने के लिए ख़ुद उनसे आरज़ू की और सब दरवाज़े बन्द कर दिए और (बे ताना) कहने लगी लो आओ यूसुफ ने कहा माज़अल्लाह वह (तुम्हारे मियाँ) मेरा मालिक हैं उन्होंने मुझे अच्छी तरह रखा है मै ऐसा ज़ुल्म क्यों कर सकता हूँ बेशक ऐसा ज़ुल्म करने वाले फलाह नहीं पाते
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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