Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 30
- PageNo
- 253
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 13_30.png
- AyatText
- كَذَٰلِكَ أَرْسَلْنَـٰكَ فِىٓ أُمَّةٍۢ قَدْ خَلَتْ مِن قَبْلِهَآ أُمَمٌۭ لِّتَتْلُوَا۟ عَلَيْهِمُ ٱلَّذِىٓ أَوْحَيْنَآ إِلَيْكَ وَهُمْ يَكْفُرُونَ بِٱلرَّحْمَـٰنِ ۚ قُلْ هُوَ رَبِّى لَآ إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَإِلَيْهِ مَتَابِ
- AyatMeaning
- फिर जो लोग तुमसे पहले गुज़र चुके हैं उनमें कुछ लोग ऐसे अक़ल वाले क्यों न हुए जो (लोगों को) रुए ज़मीन पर फसाद फैलाने से रोका करते (ऐसे लोग थे तो) मगर बहुत थोड़े से और ये उन्हीं लोगों से थे जिनको हमने अज़ाब से बचा लिया और जिन लोगों ने नाफरमानी की थी वह उन्हीं (लज्ज़तों) के पीछे पड़े रहे और जो उन्हें दी गई थी और ये लोग मुजरिम थे ही
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi