Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 110
- PageNo
- 234
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 11_110.png
- AyatText
- وَلَقَدْ ءَاتَيْنَا مُوسَى ٱلْكِتَـٰبَ فَٱخْتُلِفَ فِيهِ ۚ وَلَوْلَا كَلِمَةٌۭ سَبَقَتْ مِن رَّبِّكَ لَقُضِىَ بَيْنَهُمْ ۚ وَإِنَّهُمْ لَفِى شَكٍّۢ مِّنْهُ مُرِيبٍۢ
- AyatMeaning
- और जिन लोगों ने कुफ्र एख़तियार किया वह कहते हैं कि उस (शख्स यानि तुम) पर हमारी ख्वाहिश के मुवाफिक़ कोई मौजिज़ा उसके परवरदिगार की तरफ से क्यों नहीं नाज़िल होता तुम उनसे कह दो कि इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा जिसे चाहता है गुमराही में छोड़ देता है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi