Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 72
- PageNo
- 230
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 11_72.png
- AyatText
- قَالَتْ يَـٰوَيْلَتَىٰٓ ءَأَلِدُ وَأَنَا۠ عَجُوزٌۭ وَهَـٰذَا بَعْلِى شَيْخًا ۖ إِنَّ هَـٰذَا لَشَىْءٌ عَجِيبٌۭ
- AyatMeaning
- (ग़रज़) पहुँचकर यूसुफ ने अपने माँ बाप को तख्त पर बिठाया और सब के सब यूसुफ की ताज़ीम के वास्ते उनके सामने सजदे में गिर पड़े (उस वक्त) यूसुफ ने कहा ऐ अब्बा ये ताबीर है मेरे उस पहले ख्वाब की कि मेरे परवरदिगार ने उसे सच कर दिखाया बेशक उसने मेरे साथ एहसान किया जब उसने मुझे क़ैद ख़ाने से निकाला और बावजूद कि मुझ में और मेरे भाईयों में शैतान ने फसाद डाल दिया था उसके बाद भी आप लोगों को गाँव से (शहर में) ले आया (और मुझसे मिला दिया) बेशक मेरा परवरदिगार जो कुछ करता है उसकी तद्बीर खूब जानता है बेशक वह बड़ा वाकिफकार हकीम है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi