Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 10
- PageNo
- 222
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 11_10.png
- AyatText
- وَلَئِنْ أَذَقْنَـٰهُ نَعْمَآءَ بَعْدَ ضَرَّآءَ مَسَّتْهُ لَيَقُولَنَّ ذَهَبَ ٱلسَّيِّـَٔاتُ عَنِّىٓ ۚ إِنَّهُۥ لَفَرِحٌۭ فَخُورٌ
- AyatMeaning
- (और हमारी शिकायत करने लगता है) और अगर हम तकलीफ के बाद जो उसे पहुँचती थी राहत व आराम का जाएक़ा चखाए तो ज़रुर कहने लगता है कि अब तो सब सख्तियाँ मुझसे दफा हो गई इसमें शक़ नहीं कि वह बड़ा (जल्दी खुश) होने येख़ी बाज़ है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi