Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
34
PageNo
192
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
9_34.png
AyatText
۞ يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ إِنَّ كَثِيرًۭا مِّنَ ٱلْأَحْبَارِ وَٱلرُّهْبَانِ لَيَأْكُلُونَ أَمْوَٰلَ ٱلنَّاسِ بِٱلْبَـٰطِلِ وَيَصُدُّونَ عَن سَبِيلِ ٱللَّهِ ۗ وَٱلَّذِينَ يَكْنِزُونَ ٱلذَّهَبَ وَٱلْفِضَّةَ وَلَا يُنفِقُونَهَا فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ فَبَشِّرْهُم بِعَذَابٍ أَلِيمٍۢ
AyatMeaning
ऐ ईमानदारों इसमें उसमें शक़ नहीं कि (यहूद व नसारा के) बहुतेरे आलिम ज़ाहिद लोगों के माल (नाहक़) चख जाते है और (लोगों को) ख़ुदा की राह से रोकते हैं और जो लोग सोना और चाँदी जमा करते जाते हैं और उसको ख़ुदा की राह में खर्च नहीं करते तो (ऐ रसूल) उन को दर्दनाक अज़ाब की ख़ुशखबरी सुना दो
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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