Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
8
PageNo
188
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
9_8.png
AyatText
كَيْفَ وَإِن يَظْهَرُوا۟ عَلَيْكُمْ لَا يَرْقُبُوا۟ فِيكُمْ إِلًّۭا وَلَا ذِمَّةًۭ ۚ يُرْضُونَكُم بِأَفْوَٰهِهِمْ وَتَأْبَىٰ قُلُوبُهُمْ وَأَكْثَرُهُمْ فَـٰسِقُونَ
AyatMeaning
(उनका एहद) क्योंकर (रह सकता है) जब (उनकी ये हालत है) कि अगर तुम पर ग़लबा पा जाएं तो तुम्हारे में न तो रिश्ते नाते ही का लिहाज़ करेगें और न अपने क़ौल व क़रार का ये लोग तुम्हें अपनी ज़बानी (जमा खर्च में) खुश कर देते हैं हालॉकि उनके दिल नहीं मानते और उनमें के बहुतेरे तो बदचलन हैं
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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