Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
42
PageNo
182
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
8_42.png
AyatText
إِذْ أَنتُم بِٱلْعُدْوَةِ ٱلدُّنْيَا وَهُم بِٱلْعُدْوَةِ ٱلْقُصْوَىٰ وَٱلرَّكْبُ أَسْفَلَ مِنكُمْ ۚ وَلَوْ تَوَاعَدتُّمْ لَٱخْتَلَفْتُمْ فِى ٱلْمِيعَـٰدِ ۙ وَلَـٰكِن لِّيَقْضِىَ ٱللَّهُ أَمْرًۭا كَانَ مَفْعُولًۭا لِّيَهْلِكَ مَنْ هَلَكَ عَنۢ بَيِّنَةٍۢ وَيَحْيَىٰ مَنْ حَىَّ عَنۢ بَيِّنَةٍۢ ۗ وَإِنَّ ٱللَّهَ لَسَمِيعٌ عَلِيمٌ
AyatMeaning
(ये वह वक्त था) जब तुम (मैदाने जंग में मदीने के) क़रीब नाके पर थे और वह कुफ्फ़ार बईद (दूर के) के नाके पर और (काफ़िले के) सवार तुम से नशेब में थे और अगर तुम एक दूसरे से (वक्त क़ी तक़रीर का) वायदा कर लेते हो तो और वक्त पर गड़बड़ कर देते मगर (ख़ुदा ने अचानक तुम लोगों को इकट्ठा कर दिया ताकि जो बात यदनी (होनी) थी वह पूरी कर दिखाए ताकि जो शख़्स हलाक (गुमराह) हो वह (हक़ की) हुज्जत तमाम होने के बाद हलाक हो और जो ज़िन्दा रहे वह हिदायत की हुज्जत तमाम होने के बाद ज़िन्दा रहे और ख़ुदा यक़ीनी सुनने वाला ख़बरदार है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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