Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
187
PageNo
174
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
7_187.png
AyatText
يَسْـَٔلُونَكَ عَنِ ٱلسَّاعَةِ أَيَّانَ مُرْسَىٰهَا ۖ قُلْ إِنَّمَا عِلْمُهَا عِندَ رَبِّى ۖ لَا يُجَلِّيهَا لِوَقْتِهَآ إِلَّا هُوَ ۚ ثَقُلَتْ فِى ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ ۚ لَا تَأْتِيكُمْ إِلَّا بَغْتَةًۭ ۗ يَسْـَٔلُونَكَ كَأَنَّكَ حَفِىٌّ عَنْهَا ۖ قُلْ إِنَّمَا عِلْمُهَا عِندَ ٱللَّهِ وَلَـٰكِنَّ أَكْثَرَ ٱلنَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ
AyatMeaning
(ऐ रसूल) तुमसे लोग क़यामत के बारे में पूछा करते हैं कि कहीं उसका कोई वक्त भी तय है तुम कह दो कि उसका इल्म बस फक़त पररवदिगार ही को है वही उसके वक्त मुअय्यन पर उसको ज़ाहिर कर देगा। वह सारे आसमान व ज़मीन में एक कठिन वक्त होगा वह तुम्हारे पास पस अचानक आ जाएगी तुमसे लोग इस तरह पूछते हैं गोया तुम उनसे बखूबी वाक़िफ हो तुम (साफ) कह दो कि उसका इल्म बस ख़ुदा ही को है मगर बहुतेरे लोग नहीं जानते
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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