Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
179
PageNo
174
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
7_179.png
AyatText
وَلَقَدْ ذَرَأْنَا لِجَهَنَّمَ كَثِيرًۭا مِّنَ ٱلْجِنِّ وَٱلْإِنسِ ۖ لَهُمْ قُلُوبٌۭ لَّا يَفْقَهُونَ بِهَا وَلَهُمْ أَعْيُنٌۭ لَّا يُبْصِرُونَ بِهَا وَلَهُمْ ءَاذَانٌۭ لَّا يَسْمَعُونَ بِهَآ ۚ أُو۟لَـٰٓئِكَ كَٱلْأَنْعَـٰمِ بَلْ هُمْ أَضَلُّ ۚ أُو۟لَـٰٓئِكَ هُمُ ٱلْغَـٰفِلُونَ
AyatMeaning
और गोया हमने (ख़ुदा) बहुतेरे जिन्नात और आदमियों को जहन्नुम के वास्ते पैदा किया और उनके दिल तो हैं (मगर कसदन) उन से देखते ही नहीं और उनके कान भी है (मगर) उनसे सुनने का काम ही नहीं लेते (खुलासा) ये लोग गोया जानवर हैं बल्कि उनसे भी कहीं गए गुज़रे हुए यही लोग (अमूर हक़) से बिल्कुल बेख़बर हैं
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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