Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
142
PageNo
167
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
7_142.png
AyatText
۞ وَوَٰعَدْنَا مُوسَىٰ ثَلَـٰثِينَ لَيْلَةًۭ وَأَتْمَمْنَـٰهَا بِعَشْرٍۢ فَتَمَّ مِيقَـٰتُ رَبِّهِۦٓ أَرْبَعِينَ لَيْلَةًۭ ۚ وَقَالَ مُوسَىٰ لِأَخِيهِ هَـٰرُونَ ٱخْلُفْنِى فِى قَوْمِى وَأَصْلِحْ وَلَا تَتَّبِعْ سَبِيلَ ٱلْمُفْسِدِينَ
AyatMeaning
और हमने मूसा से तौरैत देने के लिए तीस रातों का वायदा किया और हमने उसमें दस रोज़ बढ़ाकर पूरा कर दिया ग़रज़ उसके परवरदिगार का वायदा चालीस रात में पूरा हो गया और (चलते वक्त) मूसा ने अपने भाई हारून कहा कि तुम मेरी क़ौम में मेरे जानशीन रहो और उनकी इसलाह करना और फसाद करने वालों के तरीक़े पर न चलना
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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