Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 48
- PageNo
- 116
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 5_48.png
- AyatText
- وَأَنزَلْنَآ إِلَيْكَ ٱلْكِتَـٰبَ بِٱلْحَقِّ مُصَدِّقًۭا لِّمَا بَيْنَ يَدَيْهِ مِنَ ٱلْكِتَـٰبِ وَمُهَيْمِنًا عَلَيْهِ ۖ فَٱحْكُم بَيْنَهُم بِمَآ أَنزَلَ ٱللَّهُ ۖ وَلَا تَتَّبِعْ أَهْوَآءَهُمْ عَمَّا جَآءَكَ مِنَ ٱلْحَقِّ ۚ لِكُلٍّۢ جَعَلْنَا مِنكُمْ شِرْعَةًۭ وَمِنْهَاجًۭا ۚ وَلَوْ شَآءَ ٱللَّهُ لَجَعَلَكُمْ أُمَّةًۭ وَٰحِدَةًۭ وَلَـٰكِن لِّيَبْلُوَكُمْ فِى مَآ ءَاتَىٰكُمْ ۖ فَٱسْتَبِقُوا۟ ٱلْخَيْرَٰتِ ۚ إِلَى ٱللَّهِ مَرْجِعُكُمْ جَمِيعًۭا فَيُنَبِّئُكُم بِمَا كُنتُمْ فِيهِ تَخْتَلِفُونَ
- AyatMeaning
- और (ऐ रसूल) हमने तुम पर भी बरहक़ किताब नाज़िल की जो किताब (उसके पहले से) उसके वक्त में मौजूद है उसकी तसदीक़ करती है और उसकी निगेहबान (भी) है जो कुछ तुम पर ख़ुदा ने नाज़िल किया है उसी के मुताबिक़ तुम भी हुक्म दो और जो हक़ बात ख़ुदा की तरफ़ से आ चुकी है उससे कतरा के उन लोगों की ख्वाहिशे नफ़सियानी की पैरवी न करो और हमने तुम में हर एक के वास्ते (हस्बे मसलेहते वक्त) एक एक शरीयत और ख़ास तरीक़े पर मुक़र्रर कर दिया और अगर ख़ुदा चाहता तो तुम सब के सब को एक ही (शरीयत की) उम्मत बना देता मगर (मुख़तलिफ़ शरीयतों से) ख़ुदा का मतलब यह था कि जो कुछ तुम्हें दिया है उसमें तुम्हारा इमतेहान करे बस तुम नेकी में लपक कर आगे बढ़ जाओ और (यक़ीन जानो कि) तुम सब को ख़ुदा ही की तरफ़ लौट कर जाना है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi