Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 17
- PageNo
- 110
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 5_17.png
- AyatText
- لَّقَدْ كَفَرَ ٱلَّذِينَ قَالُوٓا۟ إِنَّ ٱللَّهَ هُوَ ٱلْمَسِيحُ ٱبْنُ مَرْيَمَ ۚ قُلْ فَمَن يَمْلِكُ مِنَ ٱللَّهِ شَيْـًٔا إِنْ أَرَادَ أَن يُهْلِكَ ٱلْمَسِيحَ ٱبْنَ مَرْيَمَ وَأُمَّهُۥ وَمَن فِى ٱلْأَرْضِ جَمِيعًۭا ۗ وَلِلَّهِ مُلْكُ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا ۚ يَخْلُقُ مَا يَشَآءُ ۚ وَٱللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍۢ قَدِيرٌۭ
- AyatMeaning
- जो लोग उसके क़ायल हैं कि मरियम के बेटे मसीह बस ख़ुदा हैं वह ज़रूर काफ़िर हो गए (ऐ रसूल) उनसे पूंछो तो कि भला अगर ख़ुदा मरियम के बेटे मसीह और उनकी मॉ को और जितने लोग ज़मीन में हैं सबको मार डालना चाहे तो कौन ऐसा है जिसका ख़ुदा से भी ज़ोर चले (और रोक दे) और सारे आसमान और ज़मीन में और जो कुछ भी उनके दरमियान में है सब ख़ुदा ही की सल्तनत है जो चाहता है पैदा करता है और ख़ुदा तो हर चीज़ पर क़ादिर है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi